घर के लोग अगर हमेशा दुखों से घिरे रहतें हैं, तो दीजिए घर के “जल-स्थान” पर ध्यान
प्रत्येक ही घर में बिभिन्न उपयोगों के लिए जल तो रखना पड़ता है.
जिस स्थान पर इसे संग्रहित किया जाता है वह वास्तु-शास्त्र के अनुसार यदि शुभ न हो तो घर के मुखिया समेत अन्य सदस्यों पर बिभिन्न प्रकार की विपदाएँ आती रहती हैं.
परिवार का आगे विकास होना तो रुक ही जाता है, गाड़ी उलटी दिशा में ही चलने लगती है.
अत: निम्न शास्त्रीय तथ्यों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:-
1. घर के ईशान कोण इसके लिए अत्यंत शुभ होता है. इससे आरोग्य और पुष्टि मिलती है.
2. पूरब दिशा में रखने से धन का आगमन होता है और एश्वर्य में बृद्धि होती है. यह स्वास्थ्य की रक्षा करता है.
3. आग्नेय कोण में रखने पर पुत्र के नाश होने की सम्भावना रहती है.

4. दक्षिण दिशा में रखने पर घर की मालकिन के प्राण संकट में पड़ जाते हैं.
5. नैऋत्य कोण में रखने पर परिवार के सदस्यों, खासकर मुखिया, के नाश की संभावना बनी रहती है.
6. पश्चिम की ओर रखने पर प्रचूर संपत्ति का आगमन होता है.
7. वायव्य(पश्चिम-उत्तर कोण) में रखने पर शत्रु लोग परेशान करते हैं और मानसिक परेशानी बनी रहती है.
8. उत्तर दिशा में रखने पर सुख प्राप्त होता है.
9. मध्य में रखने पर धन का नाश हो जाता है. सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:
संकलन एवं संपादन: ज्योतिष विशेषज्ञ श्री सिद्धिनाथ.
(ज्योतिषीजी जी बिहार प्रसाशनिक सेवा से सेवा निवृत होने के बाद मानव कल्याण के लिए ज्योतिष परामर्श देते हैं. केवल अत्यंत जरुरी कार्य अथवा परेशानी के लिए संपर्क करें.)
+91-9431726837
nath.siddhijha@gmail.com
सबसे पहले लेटेस्ट पोस्ट को पढ़ने के लिए कृप्या हमारे एंड्राइड मोबाइल एप्प को अपने मोबाइल के प्लेस्टोर (Play Store) में जाकर खोजें डाउनलोड कर लें.
१. Sanatan Amrit
२. Hanuman Darshan (Salasar Balaji Hanuman)
३. Jai Maa Durga Lakshmi
४. Krishna Darshan
५. Khatu Shyam JI (Shyam Baba)